वो लोग बहुत मजबूत हो जाते है,
जिनके पास खोने के लिए कुछ भी नही होता !
किसी इंसान के लिए कितना भी करों,
आखिर में वो इंसान यही कहता है,
कि तुमने मेरे लिए किया ही क्या है !
जिसे हम सबसे अधिक अपना समझते है,
आखिर में वही लोग हमे पराया समझते है !
हमारे इश्क का खेल भी क्या निराला था,
हमारे के लिए वो हमारी पूरी दुनिया थे,
और हम उनके लिए कुछ भी नहीं !
ये दुनिया स्वार्थ पर ही टिकी है,
जिस दिन उनका स्वार्थ खत्म,
उनका तुमसे रिश्ता भी खत्म !
बस मुझे इस बात का अपनी ज़िन्दगी में गम होता है,
की किसी के लिए कितना भी करो कम होता है !!
इस प्यार के खेल में वो हमारे लिए,
वो जान से भी ज्यादा थे,
पर हम उनके लिए बस एक प्यादे थे !
अगर जान लेते की वो एक दिन,
हमे यूँ पराया कर देंगे तो सच कहते हैं जनाब,
उन्हें हम अपना बनाने नही देते !
तुम जियो या मरो किसी के लिए,
कितना भी करो,
किसी को फर्क नहीं पड़ता !
ये दुनिया किसी काम की हो न हो,
पर तुम्हे नीचा दिखने में और तुम्हारा फायदा,
उठाने का काम ये बखूबी करते हैं !
मोहोब्बत दौलत की बदौलत नहीं की जाती,
आज कल लोगों से मोहोब्बत के बदले,
मोहोब्बत नहीं दी जाती !
आज का इंसान ऐसा ही है साहब,
जिसके लिए दुआ करो उसकी दुआओ में,
अपने लिए गाली ही मिलती है !
श्याम की बंसी जब भी बजी है,
राधा के मन में प्रीत जगी है !!
राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना था,
दुनियाँ को प्यार का सही मतलब जो समझाना था।
कान्हा तुझे ख्वाबों में पाकर दिल खो ही जाता है,
खुदको जितना भी रोक लू प्यार हो ही जाता है !
प्रेम यदि पक्का हो तो,
विवाद चाहे कितना भी गहरा हो,
संबंध शेष रह ही जाता है !!
अधूरी कहानी पर खामोश लबों का पहरा है,
चोट रूह की है इसलिए दर्द जरा गहरा है !!
प्रेम पूरा हो तो श्री राम जैसा हो,
और अधूरा हो तो राधे श्याम जैसा हो !
मटकी तोड़े माखन खाए फिर भी सबके मन को भाये !
राधा के वो प्यारे मोहन महिमा उनकी दुनिया गाये !
कन्हैया को राधा ने प्यार का पैगाम लिखा,
पूरे खत में सिर्फ कान्हा का ही नाम लिखा !